पाकिस्तान के गंगापुर गांव में एक ऐसी ट्रेन चलती थी जिसमें किसी इंजनी की जरूरत ही नहीं थी।
Image Source : Social Media इस ट्रेन को लोग 'घोड़ा ट्रेन' कहकर बुलाते हैं, जिसे एक घोड़ा खींचता है।
Image Source : Social Media इस ट्रेन की शुरूआत 1903 में हुई थी जब पाकिस्तान भारत का हिस्सा था।
Image Source : Social Media इस ट्रेन को सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर गंगाराम ने बनाया था।
Image Source : Social Media यह घोड़ा ट्रेन एक स्पेशल ट्रैक पर चलती थी जिसमें लकड़ी की पटरी लगी हुई थी।
Image Source : Social Media घोड़ा ट्रेन बुचियाना और गंगापुर नाम के दो स्टेशनों के बीच में चलती थी।
Image Source : Social Media सोचिए जब दो घोड़ा ट्रेन एक-दूसरे के सामने आ जाते होंगे तो क्या होता होगा?
Image Source : Social Media ऐसी स्थिति में चालक अपना घोड़ा और सवारी लेकर दूसरे ट्राम में बैठ जाता था।
Image Source : Social Media 1980 में बंद हुई इस ट्रेन को साल 2010 में पाकिस्तान ने फिर से शुरू किया।
Image Source : Social Media लेकिन फंड की कमी होने के कारण कुछ सालों बाद पाकिस्तान को इस ट्रेन को फिर से बंद करना पड़ा।
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