गया में पिंडदान करने का अलग महत्व है। यहां पिंडदान करने से मृत आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
Image Source : indiatv इस बार पितृ पक्ष का प्रारंभ 10 सितंबर से होगा। वहीं पितृ का विसर्जन 25 सितंबर को है।
Image Source : indiatv पितृ पक्ष के दिन अपने पूर्वजों की मृत्युतिथि पर श्राद्ध किया जाता है। इस दिन श्राद्ध करने से पिंडदान सीधे पितरों तक पहुंचता है।
Image Source : indiatv पितृ के दौरान यमराज भी पितरों की आत्मा को मुक्त कर देते हैं, ताकि वे धरती पर अपने वंशजों के बीच रहकर अन्न और जल ग्रहण कर सकें।
Image Source : indiatv गया में पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Image Source : indiatv गरुण पुराण के अनुसार भगवान राम और माता सीता ने भी यहां राजा दशरथ का पिंडदान किया था।
Image Source : indiatv स्वयं भगवान विष्णु यहां पर जल के रूप में विराजमान हैं। गरुण पुराण में भी गया में पिंडदान का विशेष महत्व बताया गया है।
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