शिवलिंग पर बेलपत्र सीधा चढ़ाएं या उल्टा? जानें सही तरीका

शिवलिंग पर बेलपत्र सीधा चढ़ाएं या उल्टा? जानें सही तरीका

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माना जाता है कि भगवान शिव को बेलपत्र अति प्रिय है, अगर कोई उन्हें बेलपत्र चढ़ाता तो भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं।

माना जाता है कि भगवान शिव को बेलपत्र अति प्रिय है, अगर कोई उन्हें बेलपत्र चढ़ाता तो भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं।

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महाशिवरात्रि का पर्व निकट आ रहा है, ऐसे में देश भर में इस दिन को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है।

महाशिवरात्रि का पर्व निकट आ रहा है, ऐसे में देश भर में इस दिन को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है।

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26 फरवरी को महाशिवरात्रि पूरे देश में मनाई जाएगी। माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था और इसी दिन भोलेनाथ शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे।

26 फरवरी को महाशिवरात्रि पूरे देश में मनाई जाएगी। माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था और इसी दिन भोलेनाथ शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे।

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इस कारण इस दिन शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान जल और बेलपत्र के चढ़ावे मात्र से ही खुश हो जाते हैं।

इस कारण इस दिन शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान जल और बेलपत्र के चढ़ावे मात्र से ही खुश हो जाते हैं।

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ऐसे में देखा गया है कि भक्त अक्सर कंफ्यूज रहते हैं कि शिवलिंग पर इसे उल्टा चढ़ाएं या सीधा?

ऐसे में देखा गया है कि भक्त अक्सर कंफ्यूज रहते हैं कि शिवलिंग पर इसे उल्टा चढ़ाएं या सीधा?

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आइए जानते हैं क्या है सही तरीका...

आइए जानते हैं क्या है सही तरीका...

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शिवलिंग पर बेलपत्र उल्टा चढ़ाना चाहिए, बेलपत्र उल्टा चढ़ाना पूजा की विधि का एक हिस्सा है। इससे पूजा की पूर्णता और शुद्धता बनी रहती है।

शिवलिंग पर बेलपत्र उल्टा चढ़ाना चाहिए, बेलपत्र उल्टा चढ़ाना पूजा की विधि का एक हिस्सा है। इससे पूजा की पूर्णता और शुद्धता बनी रहती है।

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बेलपत्र की संरचना ऐसी होती है कि जब इसे उल्टा चढ़ाया जाता है, तो इसका रस और सुगंध शिवलिंग पर गिरते हैं। इससे शिवलिंग की शुद्धता और पवित्रता बनी रहती है।

बेलपत्र की संरचना ऐसी होती है कि जब इसे उल्टा चढ़ाया जाता है, तो इसका रस और सुगंध शिवलिंग पर गिरते हैं। इससे शिवलिंग की शुद्धता और पवित्रता बनी रहती है।

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उल्टा चढ़ाने से बेलपत्र की ऊर्जा और आकर्षण शक्ति शिवलिंग पर केंद्रित होती है। इससे पूजा की ऊर्जा और प्रभाव बढ़ जाता है।

उल्टा चढ़ाने से बेलपत्र की ऊर्जा और आकर्षण शक्ति शिवलिंग पर केंद्रित होती है। इससे पूजा की ऊर्जा और प्रभाव बढ़ जाता है।

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शिव पुराण के मुताबिक, भगवान शिव ने बेलपत्र को अपने लिए सबसे प्रिय पत्र बताया है। इस कारण उल्टा चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

शिव पुराण के मुताबिक, भगवान शिव ने बेलपत्र को अपने लिए सबसे प्रिय पत्र बताया है। इस कारण उल्टा चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

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पूजा करते समय हाथ जल जाना किस बात का संकेत है?

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