यह तो हम सब जानते हैं कि रामायण के अनुसार भगवान राम ने 14 वर्षों का वनवास काटा था। आखिर उस वनवास काल के दौरान प्रभु राम क्या खाते थे, आइए जानते हैं
Image Source : File Image भगवान राम को नहीं पता था कि उनको 14 वर्षों के लिए वनवास जाना पड़ेगा।
Image Source : File Image अयोध्या में तो उनके राजपाट संभालने की तैयारियां चल रही थी कि अचानक से उनको पता चला की पिता के आदेश के अनुसार उन्हें 14 वर्षों के लिए वनवास जाना पड़ेगा।
Image Source : File Image श्रीराम ने बिना शोक जताए पिता दशरथ की आज्ञा स्वीकार की और वनवास के लिए चल दिए।
Image Source : File Image राजमहलों का सुख त्यागने वाले श्री राम वनों में कंदमूल नाम का फल खाते थे। इस बात का वर्णन वाल्मिकी जी ने रामायण में किया है।
Image Source : INDIA TV रामायण में इस प्रकार लिखा है-चतुर्दश हि वर्षाणि वत्सयामि विजने वने। मधु मूल फलेः जीवन् हित्वा मुनिवद् आमिष्।।
Image Source : File Image इन 14 वर्षों के वनवास के उपरांत वाल्मिकी रामायण के अनुसार भगवान राम ने कंदमूल फल खाए थे।
Image Source : India Tv कंदमूल फल अधिक्तर वनों में ही पाए जाते हैं। यह फल भूरे रंग का होता है और ज्यादातर यह भारत के तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्य में पाए जाते हैं।
Image Source : India Tv वनवास के दौरान भगवान राम ने कंदमूल फल का सेवन किया था। इस कारण इसे राम फल भी कहते हैं।
Image Source : File Image वहीं भगवान राम जब शबरी के आश्रम गए थे तो उन्होंने बेर भी खाए थे।
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