भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, लेकिन उनकी बाल लीलाएं पूरे 84 कोस ब्रजमंडल के अंतर्गत आती हैं।
Image Source : Pexels इन दिनों मथुरा, वृंदावन, बरसाना समेत पूरे ब्रजमंडल में होली का उत्सव मनाया जा रहा है।
Image Source : File Image कई बार लोगों के मन में सवाल आता है कि वृंदावन और बरसाना एक ही है? आइए जानते हैं।
Image Source : India Tv मान्यता है कि कान्हा और उनकी प्राण प्रिय राधारानी ने अपने बचपन में पहली बार एक दूसरे को फूल फेंक कर होली मनाई थी।
Image Source : File Image उस दिन से वृंदावन में फूलेरा दूज मनाया जाने लगा, ब्रजभूमि में फूलेरा दूज से ही होला की शुरुआत हो जाती है।
Image Source : File Image ब्रजभूमि में अलग-अलग तरह से होली मनाई जाती है, इनमें फूलेरा दूज, लड्डू होली, लठमार होली प्रसिद्ध हैं।
Image Source : File Image बात करते हैं वृंदावन और बरसाना कि तो यह स्थान ब्रजमंडल में आते हैं, लेकिन यह दोनों स्थान अलग-अलग हैं।
Image Source : India Tv पुराणों के अनुसार वृंदावन में कान्हा बचपन में राधारानी से मिला करते थे।
Image Source : File Image द्वापरयुग में यहां तुलसी के वन हुआ करते थे, इसलिए इसका नाम वृंदावन पड़ गया।
Image Source : India Tv वहीं बरसाना राधारानी का जन्मस्थली है जहां किशोरी जी का जन्म हुआ था।
Image Source : File Image जहां राधारानी का जन्म हुआ था वर्तमान समय में वहां आज भव्य श्री लाडली जी महाराज नाम का मंदिर है।
Image Source : India Tv वृंदावन और बरसाना के बीच की दूरी लगभग 40 किलोमीटर की है।
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