हिंदू धर्म में सूर्य देव ऊर्जा के कारक माने जाते हैं, आखिर इनको तांबे के लोटे से अर्घ्य क्यों दिया जाता है आइए जानते हैं।
Image Source : File Image तांबे को एक शुभ धातु माना जाता है इसलिए अधिकतर पूजा के पात्र के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है चाहें लोटा हो, आचमन हो या फिर अखंड ज्योति का दीया।
Image Source : Pexels ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तांबे को सूर्य देव की प्रिय धातु माना जाता है।
Image Source : Pexels यदि तांब के लोटे से सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाए तो वह शीघ्र प्रसन्न होते हैं और सफलता का आशीर्वाद देते हैं।
Image Source : India Tv सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल देने का सबसे उत्तम समय माना गया है।
Image Source : File Image सूर्य देव को अर्घ्य देते समय गायत्री मंत्र का जाप करना सबसे लाभकारी माना जाता है। मंत्र इस प्रकार से- ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
Image Source : File Image इसके अलावा आप अर्घ्य देने के इन मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं। मंत्र इस प्रकार से - ऊं सूर्य देवाय नमः या फिर ऊं आदित्याय नम:।
Image Source : India Tv रविवार के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन में सफलता, आत्मविश्वास, सकारात्मकता, यश-वैभव इन सब चीजों की प्राप्ति होती है।
Image Source : India Tv एक बात का विशेष ध्यान रखें यदि आपको सूर्य देव के इन शुभ फलों की प्राप्ति करनी है तो तांबे का लोटा मध्यम आकार का ही प्रयोग करें और उसे स्वच्छ रखें।
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