सनातन धर्म में भगवान शिव की अराधना के लिए शिवलिंग का विशेष महत्व बताया गया है।
Image Source : pixabay माना जाता है कि शिवलिंग की पूजा करने से देवों के देव महादेव प्रसन्न होते हैं।
Image Source : pexels शास्त्रों में शिवलिंग पर जल चढ़ाने को लेकर कुछ विशेष नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना बेहद जरूरी है।
Image Source : pexels शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय आपको गलत दिशा की ओर नहीं खड़े होना चाहिए। यानी कभी भी दक्षिण और पूर्व दिशा की ओर मुख करके शिवलिंग पर जल न चढ़ाएं।
Image Source : pexels वास्तु के अनुसार शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय आपका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
Image Source : pixabay इस दिशा में मुंह करके जल चढ़ाने से भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती की भी कृपा प्राप्त होती है।
Image Source : instagram भगवान शिव पर जल चढ़ाने के लिए तांबे का कलश सबसे शुभ माना जाता है। आप चांदी या कांसे के लोटे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
Image Source : pexels कभी भी शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए स्टील के बर्तन का इस्तेमाल न करें। ये अशुभ माना जाता है।
Image Source : pexels शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल जिस तरफ से निकलता है, उसे लांघना नहीं चाहिए। इससे वास्तु दोष लगता है।
Image Source : instagram/ mota_mahadev_official कहा जाता है कि शिवलिंग पर हमेशा बैठकर ही जल चढ़ाना चाहिए। रुद्राभिषेक के दौरान भी खड़े न रहें।
Image Source : instagram ऐसी मान्यता है कि अगर आप खड़े होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं तो वह भगवान शिव को समर्पित नहीं होता और ना ही उसका लाभ मिलता है।
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