वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा के दौरान अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। पूर्व दिशा शक्ति व शौर्य का प्रतीक है।
Image Source : FILE IMAGE पश्चिम की तरफ पीठ करके यानि पूर्वाभिमुख होकर बैठना ज्ञान प्राप्ति के लिए अच्छा माना जाता है।
Image Source : FILE IMAGE पश्चिम दिशा की ओर बैठकर पूजा करने से परिवार के सदस्यों को धन, प्रसन्नता और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
Image Source : FILE IMAGE वहीं पश्चिम दिशा की ओर मुख करके जप करने से धन, वैभव व ऐश्वर्य कामना की पूर्ति होती है।
Image Source : FILE IMAGE उत्तर-पश्चिम, यानि वायव्य कोण की ओर मुख करके जप करने से शत्रु व विरोधियों पर विजय प्राप्त होती है।
Image Source : FILE IMAGE वहीं दक्षिण-पूर्व, यानि आग्नेय कोण में मुख करके जप करने से आकर्षण व सौंदर्य कामना की पूर्ति होती है।
Image Source : FILE IMAGE दक्षिण-पश्चिम, यानि नैऋत्य कोण में मुख करके जप करने से किसी के दर्शन की कामना पूरी होती है।
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