जब भी कोई धार्मिक अनुष्ठान करते हैं तो हिंदू धर्म के अनुसार कलश का प्रयोग किया जाता है, लिकन उस पर लाल रंग का कलावा क्यों बांधा जाता है आइए जानते हैं।
Image Source : Freepik पूजा-पाठ के समय कलश का उपयोग अधिकतर जल देने के लिए होता है।
Image Source : Freepik शिवलिंग पर जल चढ़ाने, सूर्य अर्घ्य देने, तुलसी जी में जल डालने सहित नवरात्रि की घटस्थापना पूजा में कलश तक का प्रयोग किया जाता है, कलश पर कलावा बांधने के पीछे धार्मिक मान्यता है।
Image Source : Freepik कलावा लाल रंग का होने की वजह से इसे ऊर्जा का कारक माना जाता है।
Image Source : File Image पूजा सिद्ध होने का सूचक कलावे को माना जाता है, क्योंकि लाल रंग आदि शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
Image Source : File Image कलावा बांधने के पीछे ये भी मान्यता है कि इसके चलते दैवीय शक्ति का उस जगह प्रवाह होता है और पूजा जल्दी सिद्ध होने पर उसका फल शीघ्र प्राप्त होता है।
Image Source : Freepik वहीं तांबे के लोटे पर कलावा बांधने से सकारात्मक ऊर्जा का अधिक प्रभाव होता है और निगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती है, ऐसे में ग्रह दोष की बाधा नहीं रहती है।
Image Source : File Image लाल रंग को मांगलिक कार्य और शुभता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए कोई भी शुभ कार्य करने से पहले कलश पर कलावा बांध कर उसे स्थापित किया जाता है।
Image Source : File Image अतः मांगलिक कार्य के दौरान कलश पर लाल रंग का कलावा बांधने से कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होती है।
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