ज्योतिष में नौ ग्रह हैं और हर ग्रह का कुछ न कुछ गुण होता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे भाग्य के कारक ग्रह के बारे में और साथ ही बताएंगे इसे कैसे मजबूत कर सकते हैं।
Image Source : INDIA TV ज्योतिष में भाग्य स्थान कुंडली के नवम भाव को माना जाता है।
Image Source : INDIA TV नवम भाव का कारक ग्रह और राशिचक्र की नवम राशि धनु का स्वामी ग्रह गुरु भाग्य का कारक माना गया है।
Image Source : INDIA TV कुंडली में गुरु के कमजोर होने से भाग्य नहीं देता साथ। बिगड़ते हैं बने काम।
Image Source : INDIA TV गुरु को मजबूत करने के लिए 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः' मंत्र का करना चाहिए जप।
Image Source : INDIA TV गुरु को मजबूत करने के लिए भगवान विष्णु की पूजा भी आप कर सकते हैं।
Image Source : INDIA TV गुरु कमजोर हो तो मांस-मदिरा का नहीं करना चाहिए सेवन, नहीं तो भाग्य आप से रूठ सकता है।
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