17 सितंबर 2024 से शुरू हुआ पितृ पक्ष का समापन 2 अक्टूबर को होगा।
Image Source : FILE IMAGE पितृ पक्ष में पितरों के तर्पण और पिंडदान करने का विशेष महत्व है।
Image Source : FILE IMAGE पितृ पक्ष में पितरों को जल देने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Image Source : FILE IMAGE तो आइए जानते हैं कि पितरों को जल देते समय क्या बोलना चाहिए।
Image Source : FILE IMAGE पितरों को जल देने के लिए तांबे या कांसे के लोटे का इस्तेमाल करें।
Image Source : FILE IMAGE हाथ में जल, अक्षत, पुष्प, काला तिल और कुशा लें और पितरो का ध्यान करते हुए पितरों को जल अर्पित करें।
Image Source : FILE IMAGE दक्षिण दिशा में मुख कर के पितरों को जल देना चाहिए। इससे पितर प्रसन्न होते हैं।
Image Source : FILE IMAGE पितरों को जल देते समय, 'ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्' मंत्र का जाप करना चाहिए।
Image Source : FILE IMAGE इसके अलावा पितरों को जल देते समय इस मंत्र का जाप करें। मंत्र है- देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमः।।
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