हिंदू धर्म में विवाह से पहले कुंडली मिलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
Image Source : File कुंडली में कुल 36 गुण होते हैं, जिनमें कम-से-कम 19 गुणों के मिलने पर ही विवाह की इजाजत दी जाती है।
Image Source : File लेकिन अगर वर-वधु की कुंडली में अगर 36 के 36 गुण मिल जाएं तो क्या होगा? आइए जानते हैं।
Image Source : File ऐसा माना जाता है कि 36 गुणों के मिलने से पति-पत्नि के बीच प्रेम और सौहार्द हमेशा बना रहता है। दोनों की सेहत अच्छी रहती है, अच्छी संतान ऐसे लोगों को प्राप्त होती है, विवाह के बाद प्रगति जीवन में आती है।
Image Source : File लेकिन इसका अर्थ ये भी नहीं है कि वैवाहिक जीवन में परेशानियां बिल्कुल नहीं आएंगी। 36 गुण मिलने के बाद भी वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन ज्यादातर ये समस्याएं बाहरी होंगी।
Image Source : File यानि पति-पत्नी के बीच मतभेद नहीं होंगे लेकिन अन्य कारणों से कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं, ये कारण आर्थिक, सामाजिक हो सकते हैं।
Image Source : File हालांकि 36 गुणों के मिलने से वर-वधु के बीच मतभेद के बाद भी सामंजस्य बैठ जाता है। ऐसे लोग आदर्श पति-पत्नी हो सकते हैं।
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