नवरात्रि में माता अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं। हर वाहन हमें कुछ न कुछ संकेत देता है।
Image Source : Social कभी माता का वाहन हाथी होता है तो कभी घोड़ा, वहीं कभी माता पालकी पर तो कभी नाव पर सवार होकर भी आती हैं।
Image Source : Social ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि माता की सवारी का पता कैसे चलता है, और हर सवारी का अर्थ क्या होता है।
Image Source : Social धार्मिक मतों के अनुसार वार के अनुसार माता की सवारी तय होती है।
Image Source : Social अगर नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार से होती है तो माता हाथी पर सवार होकर आती हैं। हाथी की सवारी धन-धान्य और समृद्धि का प्रतीक है।
Image Source : Social मंगलवार और शनिवार को अगर नवरात्रि शुरू होती है तो माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं। घोड़ा युद्ध, ऊर्जा और गति का प्रतीक माना जाता है।
Image Source : Social नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार या शुक्रवार से हो तो माता डोली पर सवार होकर आती हैं। अर्थ व्यवस्था और मौसम के लिए माता का डोली पर आना अच्छा नहीं माना जाता।
Image Source : Social अगर बुधवार से नवरात्रि की शुरुआत हो तो माता नाव की सवारी करके आती हैं। नाव पर माता का आना शुभ माना जाता है।
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