अखंड ज्योत जलाते समय करें इस मंत्र का जाप

अखंड ज्योत जलाते समय करें इस मंत्र का जाप

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नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही अखंड ज्योत जलाने का भी विधान है।

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अखंड ज्योत जलाने के लिए मिट्टी, पीतल, सोना या चांदी के दीया का ही उपयोग करें। खंडित दीपक का इस्तेमाल न करें।

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अगर घी का अखंड ज्योत है तो उसे माता रानी की प्रतिमा के दाएं तरफ रखें और तेल वाला अखंड ज्योत बाएं ओर रखें।

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अखंड ज्योत मां दुर्गा का ही एक पावन स्वरूप माना जाता है। तो नवरात्रि में माता रानी के साथ ज्योत की भी पूजा करें।

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अखंड ज्योत जलाते समय इस मंत्र का जाप करें। मंत्र है- यावत पूजा समारंभे- तावदत सुस्थिरें भव:

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जिस कमरे या स्थान पर अखंड ज्योत जल रही है वहां स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। उस जगह पर जूते, चप्पल या चमड़े की बेल्ट आदि लेकर न जाएं।

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अखंड ज्योत को अकेला नहीं छोड़ा जाता है। तो घर में ताला लगाकर या खाली छोड़कर न जाएं।

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अखंड ज्योत के दीपक के नीचें जौ, चावल या गेहूं रखें। अखंड ज्योत को सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए।

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