मां दुर्गा का प्रथम स्वरूप ‘शैलपुत्री’ शैल का अर्थ है हिमालय और पर्वतराज।वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम्।वृषारूढां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥
Image Source : twitter मां दुर्गा का दूसरा रूप ‘ब्रह्मचारिणी’।दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
Image Source : twitter मां दुर्गा का तीसरा रूप मां ‘चंद्रघंटा’। पिंडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।
Image Source : twitter मां दुर्गा का चौथा रूप ‘कूष्मांडा’सुरासंपूर्णकलशं, रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां, कूष्मांडा शुभदास्तु मे।।
Image Source : twitter मां दुर्गा का पांचवां रूप ‘मां स्कंदमाता’ सिंहासनगता नित्यं, पद्माश्रितकरद्वया।शुभदास्तु सदा देवी, स्कंदमाता यशस्विनी।।
Image Source : twitter मां दुर्गा का छठा रूप ‘मां कात्यायनी’चंद्रहासोज्ज्वलकरा, शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्यात्, देवी दानवघातनी।।
Image Source : twitter मां दुर्गा का सातवां रूप ‘मां कालरात्रि’ एकवेणी जपाकर्ण, पूरा नग्ना खरास्थिता।लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी, तैलाभ्यक्तशरीरिणी।वामपादोल्लसल्लोह, लताकंटकभूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा, कालरात्रिभयंकरी।।
Image Source : twitter मां दुर्गा का आठवां रूप ‘मां महागौरी’श्वेते वृषे समारूढा, श्वेताम्बरधरा शुचि:।महागौरी शुभं दद्यात्, महादेवप्रमोददाद।।
Image Source : twitter मां दुर्गा का नौवां रूप ‘मां सिद्धिदात्री’सिद्धगंधर्वयक्षाद्यै:, असुरैरमरैरपि।सेव्यमाना सदा भूयात्, सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
Image Source : twitter Next : Chanakya Niti: अपनों से भी शेयर न करें ये बातें, नहीं तो बन जाएंगे अपने भी आपके दुश्मन