पितृ पक्ष के दौरान श्राद्, तर्पण करके हम पितरों को प्रसन्न करते हैं।
Image Source : Social विधिपूर्वक श्राद्ध करने से पितृदोष से आपको मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन की कई अन्य समस्याओं से भी आपको छुटकारा मिलता है।
Image Source : Social वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनको अपने पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती।
Image Source : Social ऐसे में सवाल उठता है कि, उन पितरों का श्राद्ध कब करना चाहिए जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात न हो। आइए जान लेते हैं ऐसे पितरों की निमित्त कब श्राद्ध किया जाता है।
Image Source : Social धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिन पितरों की मृत्यु तिथि पता न हो उनका श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या के दिन करना चाहिए।
Image Source : Social साल 2024 में सर्वपितृ अमावस्या तिथि 2 अक्तूबर के दिन है।
Image Source : Social वहीं जिन लोगों को अपनी माता या घर की किसी मृत सुहागिन स्त्री की मृत्यु तिथि पता न हो, तो उनका श्राद्ध नवमी तिथि के दिन किया जाता है।
Image Source : Social जो लोग जल में डूबकर मरते हैं, आत्महत्या करते हैं, कत्ल किए जाते हैं, या जिनकी अकाल मृत्यु होती है उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को करने का विधान है।
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