हिंदू धर्म में मानव कल्याण एवं उसके हित के लिए कई सारी बातें बताई गई है, आइए जानते हैं वो कौन से 6 दोष हैं जिसकी वजह से मनुष्य 84 लाख योनियों में फंसा रह जाता है।
Image Source : India Tv शास्त्र कहते हैं कि मानव जीवन मिलना बहुत दुर्लभ है इसके लिए देवता भी तरसते हैं।
Image Source : Freepik इंसान अपने कर्मों के अनुसार मानव शरीर पाता है लेकिन बुरे कर्मों के कारण 84 लाख योनियों में फिर से फंस जाता है।
Image Source : India Tv यह 84 लाख योनियां शास्त्रों में अनेक प्रजातियों के जीव-जंतु, चलचर, कीट पतंग आदि बताए गए हैं।
Image Source : India Tv जिसमें जीवात्मा मृत्यु के बाद लगातार जन्म लेती रहती है। तब कहीं जाकर अच्छे कर्मों के कारण मनुष्य का जन्म प्राप्त होता है।
Image Source : India Tv काम- जिस व्यक्ति की संसारिक प्रिती अधिक होती है और हर चीज को पाने के लिए वह गलत मार्ग पर चल देते हैं तो यह दोष उन पर लगता है। व्यक्ति को हमेश सत कर्म करना चाहिए।
Image Source : Freepik लोभ- जब मन में लोभ आता है तो अच्छे कर्मों का त्याग हो जाता है और लालच के चलते व्यक्ति अनेक पाप कर देता है।
Image Source : Freepik अंहकार- जब मैं का अहम आ जाता है तो व्यक्ति संसारिक बंधनों की कद्र नहीं करता और अभिमान के चलते लोगों को दुःख देकर पाप का भोगी बनता है।
Image Source : File Image मोह- यह भौतिक जगत है और इसका मोह रख कर जो लोग भगवान की भक्ति नहीं करते वो अंत में मुक्ति नहीं प्राप्त कर पाते हैं। कहा गया है कि ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या।
Image Source : Freepik क्रोध- ज्यादा क्रोध करना पतन की निशानी है क्रोध के चलते मनुष्य अपना व्यवहार तो खराब करता ही है साथ ही लोगों को कष्ट पहुंचा कर पाप का भोगी बनता है।
Image Source : Freepik ईर्ष्या- मनुष्य के अंदर बैठा सबसे बड़ा शत्रु किसी के प्रति नफरत और जलन की भावना होती है। इन नरकगामी कारणों से व्यक्ति मानव जीवन के पुण्य को व्यर्थ कर देता है।
Image Source : Freepik शास्त्रो में बताया गया है कि यही 6 कारण हैं जो पाप को उदय करते हैं और मनुष्य जन्म पाने के बाद फिर से 84 लाख योनियों में भ्रमण करना पड़ता है।
Image Source : Freepik इसलिए सात्विक जीवन जीते हुए भक्ति मार्ग में चलकर भगवान की कृपा प्राप्त करनी चाहिए जिससे मोक्ष के द्वार तक पहुंचा जा सके।
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