हिंदू धर्म में मंदिर जाकर पूजा-पाठ करना और परिक्रमा का विशेष महत्व है।
Image Source : PEXELS अधिकतर लोग जब भी कोई मंदिर जाते हैं तो मंदिर परिसर की परिक्रमा जरूर करते हैं। ऐसा करने से कई गुना अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
Image Source : PEXELS वहीं मंदिर परिसर के अलावा देवी-देवताओं की परिक्रमा या प्रदक्षिणा करने का भी विधान है।
Image Source : PEXELS मान्यताओं के मुताबिक, ऐसा करने से ईश्वर की अपार कृपा प्राप्त होती है और सभी अधूरी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
Image Source : PEXELS मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों की चार, सूर्य देव की सात, गणेश जी की चार, बजरंगबली की तीन, देवी दुर्गा की एक और देवों के देव महादेव की आधी परिक्रमा लगानी चाहिए।
Image Source : PEXELS मान्यताओं के मुताबिक, शिवलिंग की परिक्रमा करते समय जलधारी को लांघना नहीं चाहिए। जलधारी तक पंहुचकर परिक्रमा को पूर्ण मान लिया जाता है।
Image Source : pexels इसलिए शिवलिंग की आधी परिक्रमा करके वापस उसी स्थान ओर आ जाएं जहां से परिक्रमा शुरू की गई थी।
Image Source : PEXELS परिक्रमा को बीच में कभी नहीं रोकना चाहिए, इसलिए ध्यान रखें कि परिक्रमा जहां से शुरू करें वहीं खत्म करें।
Image Source : PEXELS बाएं हाथ की तरफ से परिक्रमा भूलकर भी शुरू नहीं करना चाहिए। वरना परिक्रमा का फल नहीं मिलेगा।
Image Source : pexels मंदिर या देवी-देवता की प्रतिमा की परिक्रमा लगाते समय मन में किसी के लिए बुरे विचार न लाएं।
Image Source : PEXELS जिस देवी-देवता की प्रतिमा की परिक्रमा कर रहे हैं उनके मंत्र का जाप करते रहें।
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