ऐसे होता है महाकुंभ के स्थान का चयन, देखी जाती है इन 2 ग्रहों की स्थिति

ऐसे होता है महाकुंभ के स्थान का चयन, देखी जाती है इन 2 ग्रहों की स्थिति

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कुंभ मेला हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है। इस दौरान ग्रहों की विशेष स्थिति के चलते पवित्र घाटों पर स्नान करना बेहद शुभ होता है।

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महाकुंभ किस स्थान पर मनाया जाएगा, इसका चयन भी ग्रहों की स्थिति को देखकर ही किया जाता है।

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आपको बता दें कि, महाकुंभ मेला केवल 4 स्थानों पर लगता है हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज।

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जब सूर्य मकर राशि और गुरु वृषभ राशि में होते हैं तो प्रयागराज में महाकुंभ होता है। साल 2025 में भी ग्रहों की इसी स्थिति के चलते प्रयागराज में महाकुंभ है।

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नासिक में महाकुंभ का मेला तब लगता है जब सूर्य और गुरु सिंह राशि में एक साथ होते हैं। इसलिए 2027 में नासिक में महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा।

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जब भी गुरु ग्रह कुंभ राशि में और सूर्य मेष राशि में होते हैं, तो हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजान होता है।

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उज्जैन में महाकुंभ का मेला तब आयोजित होता है जब सूर्य अपनी उच्च राशि मेष और गुरु सिंह राशि में विराजमान होते हैं।

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