भगवान राम के संग जब विवाह कर के मां सीता अयोध्या धाम में पधारी थीं, तो कैकयी जी ने उन्हें मुंह दुखाई की रस्म में क्या भेंट किया था, आइए जानते हैं।
Image Source : File Image भगवान राम को सबसे ज्यादा मां कैकयी प्रेम करती थीं।
Image Source : File Image लेकिन मंथरा के कान भरने के बाद उन्होंने दशरथ जी से कह कर भगवान राम को 14 वर्ष के वनवास के लिए भेजा दिया था।
Image Source : File Image लेकिन जितना प्रेम माता कैकयी अपने पुत्र भरत से करती थीं। उससे कई ज्यादा प्रेम वह श्री राम से भी करती थीं।
Image Source : File Image जब सीता जी पहली बार विवाह के बाद अयोध्या पधारी थीं तब मां कैकयी ने उन्हें मुंह दिखाई की रस्म में सोने से बना एक महल दिया था।
Image Source : File Image सोने का एक अर्थ होता है कनक, इस कारण इसका नाम कनक भवन पड़ा।
Image Source : File Image जिस समय मां कैकयी ने सीता जी को यह भवन भेंट किया था। उस समय यह पूरा सोने से बना हुआ महल था।
Image Source : File Image मान्यता है कि दशरथ जी ने विश्वकर्मा जी से कह कर इस भवन का निर्माण कराया था।
Image Source : File Image आज भी यह कनक भवन अयोध्या में उसी जगह पर स्थित है। बस समय-समय पर इसका जीर्णोधार होता रहा।
Image Source : File Image इस भवन में सिर्फ मां सीता जी और भगवान राम रहा करते थे। सीता जी की सखियां जब जनक पुर से अयोध्या आती थीं तो उनसे वह इसी कनक भवन में मिलती थीं।
Image Source : File Image भक्त लोग अयोध्या के हनुमान गढ़ी और रामजन्मभूमि के दर्शन करने के बाद यहां श्री सीताराम जी के दर्शन करने अवश्य आते हैं।
Image Source : INDIA TV यह श्री राम और मां जानकी की प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमा विराजमान है। अंदर से मंदिर बहुत भव्य बना हुआ है।
Image Source : File Image मंदिर के आंगन में हनुमान जी की एक प्रतिमा है, मान्यता है कि उन्हें यह स्थान श्रीराम से बहुत आग्रह करने के बाद मिला था। वह यहां की पहरेदारी करते हैं।
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