हम सभी जानते हैं कि भगवान शिव की तीन आंखें होती हैं लेकिन क्या आप ये जानते हैं उन्हें ये तीसरी आंख मिली कैसे थी?
Image Source : pixabay मान्यता है कि शिवजी अपनी तीसरी आंख तभी खोलते हैं जब उन्हें विनाश करना हो, लेकिन ये आंख उन्होंने पहली बार तब खोली थी जब उन्हें सृष्टि को बचाना था।
Image Source : freepiks महाभारत के छठे खंड के अनुशासन पर्व में इसके रहस्य से पर्दा उठा है।
Image Source : freepiks पौराणिक कथा के अनुसार एक बार नारदजी भगवान शिव और माता पार्वती के की बातचीत बताते हैं और इस बातचीत में शिवजी की त्रिनेत्र के बारे में 9 रहस्यों के बारे में बताया गया है।
Image Source : pixabay माता पार्वती ने शिवजी के साथ मनोरंजन करने के लिए उनकी दोनों आंखें अपने हाथों से बंद कर दीं।
Image Source : pixaby जैसे ही माता पार्वती ने शिवजी की आंखें ढकी पूरी सृष्टि में अंधेरा छा गया, लगने लगा कि सूर्य का कोई अस्तित्व ही न हो। धरती पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं में खलबली मच गई।
Image Source : PIXABAY संसार की ये दशा भगवान शिव नहीं देख सकते थे और उन्होंने अपने माथे पर एक ज्योतिपुंज प्रकट किया जो भगवान शिव की तीसरी आंख बनी और तुरंत पूरी सृष्टि में रोशनी हो गई।
Image Source : FREEPIKS बाद में जब माता पार्वती ने इस तीसरी आंख के बारे में शिवजी से पूछा तो उन्होंने बताया कि अगर वो ऐसा नहीं करते तो पूरी सृष्टि का विनाश हो जाता, क्योंकि उनकी आंखें जगत की पालनहार हैं।
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