उत्तराखंड में स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यहां भगवान शिव और माता पार्वती विवाह के बंधन में बंधे थे।
Image Source : Social Media यहां दूर-दूर से जोड़े शादी करने आते हैं, जिससे उनका प्यार भी शिवजी और मां गौरी जैसा हो।
Image Source : FREEPIK उत्तराखंड के रूद्र प्रयाग जिले में स्थित पवित्र त्रियुगीनारयण मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यह वही स्थान है, जहां भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
Image Source : Social Media मंदिर के बाहर एक हॉल में हवनकुंड में अग्नि लगातार जलती रहती है।
Image Source : FILE IMAGE मंदिर के पुजारियों के अनुसार, ये वहीं अग्नि है जिसके फेरे लेकर शिव-पार्वती विवाह संपन्न हुआ था।
Image Source : Social Media पुजारियों के मुताबिक कई युगों से इस अग्नि को जलाकर रखा जाता रहा है। इसी कारण है कि इस स्थान को अतयंत पवित्र माना जाता है।
Image Source : FILE IMAGE मंदिर के बाहर जिस जगह विवाह पूर्ण होता है उस स्थल को ब्रह्म शिला का जाता है।
Image Source : FILE IMAGE कई जोड़े दूर-दूर से इस मंदिर में विवाह बंधन में बंधने के लिए खासतौर पर आते हैं।
Image Source : FREEPIK बाद में हवन कुंड में प्रज्वल्लित अग्नि के सात फेरे लेने के बाद विवाह संपूर्ण होता है।
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