हिंदू परंपरा के अनुसार कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होता है। जब-जब कुंभ मेला चलता है तब हमें अधिकतर एक साथ कई नागा साधु दिख जाते हैं।
Image Source : File Image दरअसल कुंभ मेले के दौरान यह साधु कल्पवास करते हैं और जैसे ही इनका कल्पवास समाप्त होता है ये उसके बाद कहां जाते हैं और क्या करते हैं आइए जानते हैं।
Image Source : INDIA TV नागा साधुओं का जीवन काफी रहस्यमयी होता है और कुंभ मेला खत्म होते ही ये लोग अचानक से दिखाई देना बंद हो जाते हैं।
Image Source : Freepik अब ऐसे में सवाल ये आता है कि कुंभ के बाद ये लोग कहां चले जाते हैं और क्या करते हैं?
Image Source : File Image कुंभ मेला समाप्त होने के बाद नागा साधु अपने आखाड़े वापस चले जाते हैं।
Image Source : File Image वहीं कुछ नागा साधु पहाड़ियों या नदी के तटों के पास दूर कहीं अपनी कुटिया बना कर समाज और आबादी से दूर रहना पसंद करते हैं।
Image Source : File Image ये विरक्त होते हैं और सांसारिक सुविधाओं का त्याग कर तपस्वी का जीवन जीते हैं।
Image Source : INDIA TV अन्न के लिए या तो ये पहाड़ियों में मिलने वाले फल जैसे की कंदमूल या वहां की जड़ी बूटिओं का सेवन करते हैं।
Image Source : India Tv यह एक समय का ही अहार ग्रहण करते हैं और दिन भर तपस्या में लीन रहते हैं। इसलिए कुंभ मेले के बाद यह नहीं दिखते हैं।
Image Source : India Tv अधिकतर नागा परंपरा में यह सज्जनों से भीक्षा मांग कर अहार ग्रहण करते हैं।
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