कितने बजे महाकुंभ में स्नान करना है ज्यादा शुभ? जानिए

कितने बजे महाकुंभ में स्नान करना है ज्यादा शुभ? जानिए

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महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु रोजाना आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, रोजाना 45 से 50 लाख की संख्या में लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं।

महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु रोजाना आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, रोजाना 45 से 50 लाख की संख्या में लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं।

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प्रयागराज प्रशासन के मुताबिक अब तक 10 करोड़ से अधिक लोग संगम स्नान कर चुके हैं।

प्रयागराज प्रशासन के मुताबिक अब तक 10 करोड़ से अधिक लोग संगम स्नान कर चुके हैं।

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दूसरा अमृत स्नान भी निकट आ रहा है, जिसमें 10 करोड़ लोगों के स्नान करने की उम्मीद जताई गई है। ये स्नान 29 जनवरी को है, इस दिन भी नागा साधु पहले स्नान करेंगे।

दूसरा अमृत स्नान भी निकट आ रहा है, जिसमें 10 करोड़ लोगों के स्नान करने की उम्मीद जताई गई है। ये स्नान 29 जनवरी को है, इस दिन भी नागा साधु पहले स्नान करेंगे।

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ऐसे में आइए जानते हैं कि जो लोग अभी महाकुंभ पहुंच रहे हैं वे कितने बजे स्नान करेंगे तो उन्हें ज्यादा शुभ फल मिलेगा...

ऐसे में आइए जानते हैं कि जो लोग अभी महाकुंभ पहुंच रहे हैं वे कितने बजे स्नान करेंगे तो उन्हें ज्यादा शुभ फल मिलेगा...

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हिंदू धर्म ग्रंथों में सुबह के स्नान को ज्यादा महत्व दिया गया, लेकिन आजकल की दिनचर्या के मुताबिक लोग किसी भी टाइम स्नान कर रहे हैं। हालांकि ऐसा नहीं करना चाहिए।

हिंदू धर्म ग्रंथों में सुबह के स्नान को ज्यादा महत्व दिया गया, लेकिन आजकल की दिनचर्या के मुताबिक लोग किसी भी टाइम स्नान कर रहे हैं। हालांकि ऐसा नहीं करना चाहिए।

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धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सुबह के स्नान को धर्मग्रथों में 4 उपनाम दिए गए हैं।

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सुबह के स्नान को धर्मग्रथों में 4 उपनाम दिए गए हैं।

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पहला है ब्रह्म मुहूर्त, जो सुबह 4 से 5 बजे के बीच होता है। अगर कोई महाकुंभ के दौरान ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करता है तो उसे ज्यादा शुभकारी फल मिलता है।

पहला है ब्रह्म मुहूर्त, जो सुबह 4 से 5 बजे के बीच होता है। अगर कोई महाकुंभ के दौरान ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करता है तो उसे ज्यादा शुभकारी फल मिलता है।

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इसके बाद होता है देव स्नान, यह स्नान सुबह 5 से 6 बजे के बीच होता है, यह भी काफी फलकारी माना गया।

इसके बाद होता है देव स्नान, यह स्नान सुबह 5 से 6 बजे के बीच होता है, यह भी काफी फलकारी माना गया।

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इसके बाद होना है मानव स्नान, यह 6 से 7 बजे के बीच होता है, यह भी फलदायी होता है। हालांकि महाकुंभ अपने आप में ही ये एक शुभ संयोग है तो ऐसे में श्रद्धालुओं को रात छोड़कर किसी भी समय स्नान करना फलकारी ही रहेगा।

इसके बाद होना है मानव स्नान, यह 6 से 7 बजे के बीच होता है, यह भी फलदायी होता है। हालांकि महाकुंभ अपने आप में ही ये एक शुभ संयोग है तो ऐसे में श्रद्धालुओं को रात छोड़कर किसी भी समय स्नान करना फलकारी ही रहेगा।

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