खाटू श्याम कलयुग के सबसे प्रिय और पूज्यनीय भगवान कहलाए जाते हैं, इन्हें हारे का सहारा क्यों कहते हैं आइए जानते हैं।
Image Source : India Tv पौराणिक कथा के अनुसार बर्बरीक को अपनी मां मौरवी से आशीर्वाद प्राप्त था कि वह जिस कमजोर पक्ष की ओर से खड़े रहेंगे उसकी जीत निश्चित है।
Image Source : India Tv बर्बरीक महाभारत के शक्तिशाली पात्र भीम के पौत्र थे, उनके पिता का नाम घटोत्कच था।
Image Source : India Tv बर्बरीक अपनी इच्छानुसार महाभारत का युद्ध देखने के लिए घर से निकले थे।
Image Source : India Tv भगवान कृष्ण पांडवों को धर्म रक्षा हेतु जिताना चाहते थे।
Image Source : Freepik वह बर्बरीक को मां से मिले आशीर्वाद के बारे में जानते थे और उन्होंने साधु का भेष धारण कर बर्बरीक को रोका।
Image Source : India Tv बर्बरीक ने कहा मैं आपकी क्या सेवा करूं, तब श्री कृष्ण ने कहा जो मैं मांगूगा वह आपको देना पड़ेगा।
Image Source : Freepik बर्बरीक ने वचन दिया, तब श्री कृष्ण अपने साक्षात रूप में प्रकट हुए और उनका शीश मांग लिया।
Image Source : India Tv बर्बरीक नें भगवान कृष्ण को शीश काट कर भेंट कर दिया।
Image Source : India Tv श्री कृष्ण प्रसन्न हुए और बर्बरीक को वरदान दिया कि कलयुग में आप सदैव पूज्यनीय होंगे। अतः आपको मेरा ही रूप माना जाएगा।
Image Source : India Tv मान्यता है कि खाटू श्याम का जिसे आशीर्वाद मिल जाता है उसकी जीत तय होती है, इसलिए उन्हें हारे का सहारा कहते हैं।
Image Source : India Tv भगवान खाटू श्याम का राजस्थान के सीकर जिले में प्रसिद्ध मंदिर है, जहां दर्शन मात्र से हर कष्ट मिट जाते हैं।
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