सावन माह में जहां भक्तगण सोमवार का व्रत रख महादेव की उपासना करते हैं। वहीं सावन में कांवड़ यात्रा भी निकाली जाती है।
Image Source : FILE IMAGE कांवड़िए कांवड़ में गंगा नदी या अन्य किसी पवित्र नदी से कांवड़ में जल भरते हैं और फिर नंगे पैर पैदल यात्रा कर भगवान शिव के मंदिर पहुंचकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं।
Image Source : FILE IMAGE कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िए केसरिया रंग के कपड़ों में नजर आते हैं और पूरी यात्रा के समय बोल बम के जयकारे लगाते हैं।
Image Source : FILE IMAGE तो आइए जानते हैं कि कांवड़ यात्रा के दौरान बोल बम, बम भोले जैसे मंत्रों का जाप क्यों करते हैं। इसका क्या अर्थ होता है।
Image Source : FILE IMAGE धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, बोल बम बम भोले मंत्र ब्रह्मा, विष्णु, महेश और ओमकार का प्रतीक माना जाता है।
Image Source : FILE IMAGE कांवड़ यात्रा के दौरान बोल बम बम भोले का जयकारा लगाने से यात्रा में कोई बाधा नहीं आती हैं।
Image Source : FILE IMAGE बोल बम का जयकारा लगाने से कांवड़ियों में उत्साह बना रहता है। इस मंत्र की गूंज वातावरण को अत्याधिक भक्तिमय बना देता है।
Image Source : FILE IMAGE बोल बम बम भोले के उच्चारण से यात्रा के समय भक्तों से किसी भी तरह का कोई कष्ट नहीं आता है। इस के जप से भक्तों को एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है।
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