Kalank Chaturthi: गणेश चतुर्थी पर गलती से भी न देखें चांद, वरना लगेगा चोरी का इल्जाम

Kalank Chaturthi: गणेश चतुर्थी पर गलती से भी न देखें चांद, वरना लगेगा चोरी का इल्जाम

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भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है और इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं किए जाते हैं।

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इस दिन को कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ माना जाता है।

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गणेश चतुर्थी की रात चंद्रमा के दर्शन करने से भगवान श्रीकृष्ण पर भी स्यमंतक मणि चुराने का झूठा आरोप लगा था, इस आरोप से मुक्ति पाने के लिए श्रीकृष्ण को गणेश चतुर्थी का व्रत करना पड़ा था।

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जब भगवान गणेश को हाथी का मुख लगाया गया था उस वक्त चंद्रमा ने उनका उपहास किया था, क्योंकि उसे खुद की सुंदरता पर गुरूर था।

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श्री गणेश को क्रोध आ गया और उन्होंने चंद्रमा को श्राप दे दिया और कहा- जाओ अब से तुम काले हो जाओगे।

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जैसे ही श्रीगणेश ने ये कहा, चंद्रमा की चमक फीकी पड़ गई और वो काला हो गया। चांद को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने गणेशजी से माफी मांगी।

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गणेश जी ने उन्हें माफ कर दिया और कहा- सूर्य के प्रकाश से तुम चमकोगे। लेकिन इस गलती से दूसरों को सबक मिले इसलिए चतुर्थी का दिन तुम्हें दंड देने के लिए याद किया जाएगा।

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इस दिन को याद करके किसी को भी अपने रंग रूप पर गुमान नहीं होगा।

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गणेश जी ने ये भी कहा- कोई भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को चांद देखेगा तो उसपर चोरी का झूठा आरोप लगेगा और चंद्रमा पर दाग-धब्बे हमेशा रहेंगे।

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अगर न चाहते हुए भी गलती से आपने आज के दिन चांद देख लिया तो इस मंत्र का जाप करें- सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत:। सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष: स्यमन्तक:।।

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