होली खेलने और रंगोत्सव के लिए वैसे तो पूरा ब्रजमंडल प्रसिद्ध है, लेकिन बरसाना में जिस तरह से होली खेली जाती है वो बिल्कुल अलग है।
Image Source : FILE IMAGE बरसाना की होली मथुरा-वृंदावन से थोड़ी हट कर खेली जाती है, यहां लोग होली खेलने दूर-दूर से आते हैं।
Image Source : INDIA TV आमतौर पर होली पर लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं लेकिन बरसाना में लड्डू और लट्ठ से होली खेली जाती है, आइए जानते हैं यह होली कैसे होती है।
Image Source : INDIA TV कान्हा के समय से ही बरसाना में छड़ी और लड्डूओं से होली खेलने की परंपरा है।
Image Source : FILE IMAGE माना जाता है कि द्वापरयुग से ही बरसाना से नंदगांव होली खेलने के लिए निमंत्रण भेजा जाता था, तब नंदगांव के लोग निमंत्रण स्वीकार कर बरसाना होली खेलने आते थे।
Image Source : FILE IMAGE लड्डूओं की होली में बरसाने में लोग एक-दूसरे के ऊपर रंग की जगह लड्डू फेंकते हुए होली खेलते हैं।
Image Source : FILE IMAGE बरसाने के श्री लाडली महाराज मंदिर में हर साली होली पर वहां की लाडलियां नंदगांव के ग्वालों पर छड़ी मारती है और ग्वाले उस छड़ी से अपना बचाव ढाल से करते हैं।
Image Source : INDIA TV मान्यता है कि बाल गोपाल श्री कृष्ण बचपन में बहुत नटखट थे और गोपियों को तंग किया करते थे प्रेम पूर्वक गोपियों श्री कृष्ण को छड़ी दिखाया करती थीं।
Image Source : FILE IMAGE तब से यह परंपरा चलती चली आ रही है और यहां छड़ी का लगान शुभता और सौभाग्यशाली होने का प्रतीक माना जाता है।
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