हिंदू धर्म में अनेक रिती-रिवाज हैं उनमें से एक है हाथ में कलावा पहनाने का, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हाथ में लाल कलावा पहनने के पीछें क्या कारण होता है।
Image Source : India Tv हिंदू धर्म की हर परंपरा के पीछे एक महत्व है उसी तरह कलावा पहनने से भी जुड़ी एक मान्यता है।
Image Source : India Tv अक्सर आपने लोगों के हाथों में लाल रंग का कलावा पहने हुए देखा होगा। जिसे मौली भी कहते है। पूजा समाप्त होने के बाद अधिकतर हर पूजारी इसे होथों में बांधते हैं।
Image Source : India Tv दरअसल कलावा एक प्रकार से रक्षा सूत्र का कार्य करता है इसलिए हिंदू धर्म में इसे पहनाया जाता है।
Image Source : India Tv कलावे का रंग लाल होता है और शास्त्रों में लाल रंग को ऊर्जा संचार का कारक कहा जाता है।
Image Source : India Tv मान्यता है कि कलावे का रंग व्यक्ति के दैनिक जीवन में परिवर्तन लाता है। लाल रंग का कलावा पहनने से सकार्तमक ऊर्जा का प्रवह होता है।
Image Source : India Tv शास्त्रों में बताया गया है कि कलावा होथों में तीन बार लपेटा जाता है। इससे ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
Image Source : File Image कलावे को लेकर एक मान्यता यह भी है कि इस लाल धागे को दैवीय शक्ति का प्रतिनिधित्व माना जाता है। जिससे वह भी अपना आशीर्वाद पहनने वाले के ऊपर बनाए रखती हैं।
Image Source : File Image शास्त्रीय पद्धति के अनुसार महिलाओं के बाएं(उल्टे) हाथ और पुरुषों के दाएं(सीधे) हाथ में लाल रंग का कलावा बांधना शुभ होता है।
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