आप सभी ने हमेशा हनुमान जी की मूर्ति को सिंदूर में रंगा हुआ देखा होगा
Image Source : pexels हनुमान भक्त भी जब मंदिर जाते हैं तो उन्हें लड्डू और नारियल के अलावा सिंदूर भी जरूर चढ़ाते हैं।
Image Source : pexels लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों केसरिया सिंदूर के रंग में पवनसुत मंदिरों में विराजमान रहते हैं?
Image Source : pexels दरअसल अंजनी पुत्र हनुमान जी और सिंदूर का काफी गहरा और बड़ा रिश्ता है। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह।
Image Source : pexels पौराणिक कथा के मुताबिक, लंका पर विजयी पाने के बाद भगवान राम और माता सीता अपने परम प्रिय भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे।
Image Source : instagram/ doshi.pranay.arts अयोध्या में रहने के दौरान एक बार बजरंगबली जनक नंदिनी के महल पहुंचे। उन्होंने वहां देखा कि माता सीता अपने मांग में सिंदूर लगा रही हैं।
Image Source : instagram/ jaishrihanumanchalisa इसके बाद हनुमान जी ने सीता मां से पूछा कि 'हे माता आप ये लाल रंग अपने मांग में क्यों भर रही हैं?'
Image Source : instagram/ silent_x_45 तब माता सीता ने कहा कि इस लाल रंग को सिंदूर कहते हैं। इसे मांग में भरने से मेरे स्वामी दशरथ नंदन राम की आयु बढ़ती है, इसलिएं मैं हर दिन सिंदूर से अपनी मांग भरती हूं।
Image Source : instagram/jaishrihanumanchalisa इसके बाद अंजनी सूत ने सोचा कि चुटकी भर सिंदूर से मेरे प्रभु राम की आयु बढ़ती है तो क्यों न मैं पूरे शरीर में ही सिंदूर लगा लूं।
Image Source : instagram/ jaishrihanumanchalisa फिर हनुमान जी ने पूरे शरीर में सिंदूर लगा लिया और सभा पहुंच गए। उनको सिंदूर में रंगा देख सभा में मौजूद सभी लोग हंसने लगे।
Image Source : instagram/ jaishrihanumanchalisa हनुमान जी की भक्ति, समर्पण और प्यार को देखकर भगवान राम अत्यंत खुश हुए। तभी से हनुमान जी की प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
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