गंगा नदी को पवित्र नदी और देवताओं की नदी कहा जाता है। इसलिए आज भी हर शुभ अवसर पर गंगाजल का उपयोग किया जाता है।
Image Source : PEXELS हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक गंगाजल की अहम भूमिका होती है।
Image Source : PEXELS हिंदू धर्म में गंगा नदी को मां का स्थान दिया गया है। लगभग हर हिंदू के घर में गंगाजल से भरी बोतल मिलना आम बात है।
Image Source : PEXELS लेकिन कई बार ऐसा देखा जाता है कि गंगाजल रखते या फिर लाते समय हम ऐसी गलतियां कर देते हैं। जिसके कारण हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
Image Source : PEXELS वहीं कई बार कुछ लोग नदी से जल लेकर प्लास्टिक की बोतल में रख लेते हैं जोकि सही नहीं माना जाता
Image Source : PIXABAY कहा जाता है कि प्लास्टिक की बोतल में गंगाजल रखने से इसकी शुद्धता और पवित्रता खत्म हो जाती है। साथ ही इससे देवी-देवता भी क्रोधित हो सकते है।
Image Source : PIXABAY वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो प्लास्टिक को विषैला माना जाता है। इसलिए जहां तक हो सके गंगाजल को चांदी के बर्तन में ही रखें और अगर चांदी का बर्तन मौजूद न हो तो आप इसे तांबे या पीतल के बर्तन में भी रख सकते हैं।
Image Source : PEXELS गंगाजल को कभी भी अंधेरी जगह में नहीं रखना चाहिए। इसे हमेशा साफ-सुथरा जगह पर ही रखें।
Image Source : PEXELS गंगाजल को ऐसी जगह पर रखें जिस कमरे में आप कभी भी मांस-मंदिरा का सेवन न करते हों। इसे हमेशा ईशान कोण में रखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
Image Source : PEXELS कहा जाता है कि अगर किसी के घर में आए दिन अनबन या क्लेश होता रहता है तो उसे अपने पूरे घर में पूजा के बाद गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए।
Image Source : PEXELS ऐसा करने से घर से क्लेश तो दूर होगा ही साथ ही घर से नकारात्मकता भी दूर जाएगी और सकारात्मकता का प्रवेश होगा।
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