हिंदू धर्म में दीया जलाने की परंपरा सदियों पुरानी है। दीया जलाने से देवता तो प्रसन्न होते ही हैं इसी के साथ मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है।
Image Source : File Image अक्सर दीये को लेकर असमंजस होती है कि पूजा में जलाए हुए दीपक को धोना चाहिए या नहीं, आइए जानते हैं कि पूजा में दीप प्रज्ज्वलित करने के बाद उसका क्या करना चाहिए।
Image Source : File Image जिस तरह भगवान की पूजा में पवित्रता का ध्यान रखा जाता है उसी तरह पूजा में प्रयोग होने वाले दीये की सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए।
Image Source : File Image यदि आप मिट्टी का दीया घर के आंगन में बाहर की ओर प्रज्ज्वलित करते हैं। तो उस दीये को दोबारा न धुलें और न ही उसे फिर से प्रयोग में लाना चाहिए।
Image Source : File Image मिट्टी के जले दीयों में तेल की वजह से काला पन आ जाता है और माना जाता है पूजा में काले रंग का प्रयोग करना अशुभ होता है। इसलिए इन्हें धुल कर दोबारा प्रयोग करना शुभ नहीं होता है।
Image Source : File Image दीप जलाने से देवता प्रसन्न होते हैं तो पूजा के दौरान यदि मिट्टी का दिया प्रयोग करते हैं तो वह हमेशा नया होना चाहिए।
Image Source : File Image दुबारा दीये का प्रयोग करना शुभ इसलिए भी नहीं माना जाता क्योंकि बाती की लौ से दिया गरम होने के कारण चटक जाता है और खंडित दीये को धुल कर फिर से पूजा में प्रयोग करना अशुभ फल देता है।
Image Source : Freepik पूजा में आप तांबे या पीतल का दीया जलाते हैं तो पूजा के बाद जिस तरह भगवान के सारे पात्र धोए जाते हैं। उसी तरह धातु के दीये को भी अच्छे से धो लें और गंगाजल का प्रयोग अवश्य करें।
Image Source : File Image मान्यता है कि दीया जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इस लिहाज से दीया जितना शुद्ध और पवित्र रहेगा वह उतना ही शुभ फल प्रदान करेगा।
Image Source : File Image पूजा में धातु के दीये को साफ कर के आप उसका प्रयोग तब तक करें जब तक धातु से बना दीया खंडित न हो जाए।
Image Source : File Image तांबा और पीतल पूजा के लिहाज से शुद्ध धातु होती है। इसलिए इन दीयों को दोबारा धुल कर प्रयोग में लाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे इसको एकदम साफ तरह से धोने के बाद ही प्रयोग करें।
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