हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार इस वर्ष 30 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा तिथि के साथ भद्राकाल आरंभ होगा।
Image Source : PEXELS 30 अगस्त को सुबह 09 बजकर 02 मिनट तक भद्रा काल रहेगा। शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता है।
Image Source : PEXELS सदैव भद्रा रहित काल में ही राखी बांधना शुभ माना गया है। वहीं श्रावण पूर्णिमा तिथि पर राखी बांधने के लिए दोपहर का समय सबसे शुभ समय है।
Image Source : PEXELS लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व की श्रावण पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त से प्रारंभ हो रही है और पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा।
Image Source : PEXELS ऐसे में 30 अगस्त को सुबह 09:02 मिनट तक भद्रा रहेगी।
Image Source : PEXELS 30 अगस्त को सुबह 09:02 मिनट के बाद राखी बांधी जा सकती है।
Image Source : PEXELS भद्रा को अशुभ काल माना जाता है इसलिए इस मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य नहीं करनी चाहिए।
Image Source : PEXELS क्योंकि एक पौराणिक कथा के अनुसार शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी। जिसकी वजह से रावण समेत उसके पूरे कुल का नाश हो गया था।
Image Source : PEXELS इसलिए कहा जाता है कि भद्रा में भाई को राखी नहीं बांधनी चाहिए। एक अन्य कारण यह भी है कि भद्रा काल में भगवान शिव तांडव करते हैं और बहुत ही क्रोध में होते हैं।
Image Source : PEXELS ऐसे में अगर इस दौरान कोई कोई शुभ कार्यकिया जाए तो भगवान शिव के गुस्से का भी सामना करना पड़ सकता है।
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