बनारस से गंगाजल क्यों नहीं लाना चाहिए? जानिए कारण

बनारस से गंगाजल क्यों नहीं लाना चाहिए? जानिए कारण

Image Source : FILE IMAGE

बनारस यानी काशी को भगवान शिव की नगर कहा जाता है। इस शहर को मोक्ष का द्वार भी कहा जाता है।

Image Source : FILE IMAGE

धार्मिक मान्यता है कि काशी में प्राण त्याग करने से जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।

Image Source : FILE IMAGE

काशी में कई मोक्ष आश्रम बने हैं, जहां लोग अपने जीवन के अंतिम समय में आते हैं। मृत्यु आने तक वे इसी जगह पर रुकते हैं, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो।

Image Source : FILE IMAGE

ऐसे में अगर लोग बनारस से गंगाजल लाते हैं तो उसी के साथ कई जीव भी वो अनजाने में घर ले आते हैं।

Image Source : FILE IMAGE

गंगाजल में कई जीव समाहित होते हैं और वे जल के साथ काशी से अलग हो जाते हैं। उनका मृत्यु और पुनर्जन्म का चक्र बाधित हो जाता है।

Image Source : FILE IMAGE

बनारस से गंगाजल न लाने की ये भी वजह है कि यहां गंगा किनारे मृतक को चिता पर जलाया जाता है और उनकी राख को गंगा में विसर्जित किया जाता है।

Image Source : FILE IMAGE

अगर आप काशी से गंगाजल ले जाते हैं और उस पानी में मृतक आत्मा के अंग, राख या अवशेष आ जाते हैं तो मृतक का मृत्यु और पुनर्जन्म का चक्र बाधित होगा। इस वजह से आत्मा को पूरी तरह से मोक्ष नहीं मिल पाता है।

Image Source : FILE IMAGE

काशी के जीवमात्र को उनके मोक्ष के इस अधिकार से वंचित करना महापाप माना जाता है। तोग भूलकर भी बनारस से गंगाजल नहीं लाना चाहिए।

Image Source : FILE IMAGE

कहा जाता है कि काशी में अघोरी मसानी शक्तियां सक्रिय रहती हैं और वे यहां केवल भगवान शिव के भय से शांत रहती हैं और किसी को परेशान नहीं करती हैं।

Image Source : FILE IMAGE

लेकिन जब आप गंगाजल ले जाते हैं तो उसके साथ अघोरी मसानी शक्तियां आपके घर पहुंच सकती हैं और आपके जीवन को तहस-नहस कर सकती है।

Image Source : FILE IMAGE

Next : Love Horoscope 05 August 2024: इन राशियों की पार्टनर से बढ़ सकती हैं दूरियां, पढ़ें आज का लव राशिफल