बाबा बैधनाथ धाम में गठबंधन क्यों किया जाता है? जानें

बाबा बैधनाथ धाम में गठबंधन क्यों किया जाता है? जानें

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झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां सावन के महीने में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है।

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हर साल सावन में कांवड़िए कांवड़ लेकर देवघर आते हैं और भक्ति भाव से शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं।

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बाबा बैधनाथ धाम मंदिर में शिव और शक्ति का लाल धागे से गठजोड़ या गठबंधन करने की भी परंपरा है।

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खासतौर से नवविवाहित जोड़ा यह 'गठबंधन' अनुष्ठान जरूर करते हैं। कहते हैं कि ऐसा करने से उनका दांपत्य जीवन सुखी और खुशहाल रहता है।

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बता दें कि बाबा बैद्यनाथ धाम ही ऐसा मंदिर है जहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान हैं।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवघर में माता सती का हृदय कट कर गिरा था, इसलिए इस स्थान को हृदयापीठ भी कहा जाता है।

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इसलिए बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती के मंदिर को लाल धागों से जोड़ा गया है। देवघर को शिव शक्ति मिलन स्थल भी कहते हैं।

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बैद्यनाथ धाम को बाबा की नगरी भी कहा जाता है। कहते हैं कि देवघर के इस मंदिर के दर्शन मात्र से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

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