आखिर किसने बसाई थी अयोध्या नगरी?

आखिर किसने बसाई थी अयोध्या नगरी?

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यह तो हम सभी जानते हैं कि अयोध्या नगरी भगवान राम की जन्मभूमि है। क्या आपको पता है इस नगरी का निर्माण कैसे हुआ था, आइए जानते हैं।

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अयोध्या को सप्तपुरियों में से प्रथम पुरी कहा जाता है और यह मोक्ष प्रदान करने वाली पावन नगरी है।

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अथर्वेद में अयोध्या को देवताओं की पुरी बताया गया है। अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या।

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अयोध्या धाम को धरती का बैकुंठ भी कहा गया है।

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पुराणों में लिखा है कि सृष्टि के आरंभ में महाराज मनु ने अयोध्या नगरी को स्थापित किया था।

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वाल्मिकी रामायण में इसका वर्णन मिलता है- अयोध्या नाम नगरी तत्रासील्लोकविश्रुता। मनुना मानवेन्द्रेण या पुरी निर्मिता स्वयम् ।।

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मनुष्यों के आदि पुरुष महाराज मनु ने इस नगरी को सतयुग के समय में बसाया था और यहीं से मानव जाती का विस्तार हुआ।

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भगवान विष्णु ने स्वयं महाराज मनु को बैकुंठ से अयोध्या नगरी को पृथ्वी पर स्थापित करने के लिए दिया था।

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स्कंद पुराण के अनुसार अयोध्या भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र पर बसी है। इसे उनकी पहली पुरी भी कहा गया है।

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तुलसीदास जी रामचरितमानस में लिखते हैं- राम धामदा पुरी सुहावनि। लोक समस्त बिदित अति पावनि॥ चारि खानि जग जीव अपारा। अवध तजें तनु नहिं संसारा॥

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तुलसीदास जी अयोध्या की महिमा बताते हुए कहत हैं कि इस पावन धाम में जो जीव अपने प्राण त्यागता है उसे मुक्ति मिल जाती है। फिर वह जन्म चक्र के बंधन में नहीं फंसता है।

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