रिजर्व बैंक ने 19 मई को जब 2000 के नोट बंद करने का ऐलान किया तब 3.62 लाख करोड़ के नोट प्रचलन में थे
Image Source : file रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 जून को बताया कि इनमें से आधे यानि 1.8 लाख करोड़ के नोट वापस आए हैं
Image Source : file इस प्रकार अब तक 90 करोड़ करेंसी नोट बैंकों में आ चुके हैं, ऐसे में सवाल उठता है सरकार इन पुराने नोटों का करती क्या है
Image Source : file ये नोट वापस प्रचलन में न आ जाएं, इसके लिए रिजर्व बैंक पहले इन नोटों को आरबीआई जला भी दिया करती थी। लेकिन पर्यावरणीय कारणों से अब ऐसा नहीं होता।
Image Source : file आरबीआई सबसे पहले इन नोटों को चेक करता है। यह पता लगाया जाता है कि ये नोट असली हैं या नकली।
Image Source : file नोटों को चेक करने के बाद इनके टुकड़े किये जाते हैं। ये टुकड़े मशीनों से ही किये जाते हैं। इनकों ठीक तरह से फाड़ा जाता है।
Image Source : file नोटों को बुरी तरह से काटकर उनकी लुगदी बनाई जाती है। इस लुगदी से ईंटे बनाई जाती है। इसके अलावा पेपर रिसाइकल कर इसका इस्तेमाल किया जाता है
Image Source : file 2016 की नोटबंदी के वक्त नोटों की सैकड़ों टन रद्दी को रिसाइकल करने वाली कंपनी को बेच दिया था
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