एंजल टैक्स, जिसे औपचारिक रूप से आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) (vii बी) के रूप में जाना जाता है, एंजल निवेशकों से स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई धनराशि पर लगाया जाने वाला टैक्स है।
Image Source : FILE इसे ऐसे भी समझ लें कि एंजल टैक्स गैर-सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा शेयर जारी करके एंजल निवेशकों से धन प्राप्त करने पर चुकाया जाने वाला टैक्स है।
Image Source : FILE भारत में एंजल टैक्स 30% ब्याज दर पर लगाया जाता है, और आईटी अधिनियम की धारा 56(2)(vii)(b) के मुताबिक 3% अतिरिक्त उपकर भी लागू होता है। इस प्रकार, एंजल टैक्स की कुल प्रभावी दर 30.9% है।
Image Source : FILE टैक्स अधिकारी स्टार्ट-अप द्वारा अर्जित प्रीमियम पर एंजल टैक्स लगाते हैं। वे जारी किए गए शेयरों के अंकित मूल्य और उनके वास्तविक मूल्य के बीच के अंतर की गणना करते हैं और लागू दर पर टैक्स लगाते हैं।
Image Source : FILE लेकिन इसी के साथ यह भी जान लें कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में एंजल टैक्स खत्म कर दी जाएगी। सरकार ने बजट में इसका ऐलान कर दिया है।
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