भारत अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रचने से कुछ ही दूर है। इसरो का चंद्रयान-3 मिशन 23 अगस्त यानी कल चांद पर उतरेगा।
Image Source : File इस मिशन की सफलता के साथ भारत दुनिया के उन चंद देशों में शामिल हो जाएगा, जिसने चांद पर पांव रखे हैं।
Image Source : File ऐसे में क्या आपको पता है कि इस मिशन की सफलता के पीछे किन-किन कंपनियों का हाथ है। अगर नहीं तो हम आपको बता रहे हैं।
Image Source : File लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी): एलएंडटी ने चंद्रयान-3 मिशन में इस्तेमाल होने के लिए कई महत्वपूर्ण कम्पोनेंट बनाए हैं।
Image Source : File हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स: चंद्रयान-3 मिशन की सफलता में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स की भी भूमिका है। एनएएल ने कई पुर्जे की आपूर्ति की है।
Image Source : File भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स: भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने चंद्रयान-3 के लिए इसरो को 100वीं बैटरी की आपूर्ति करने मील का पत्थर हासिल किया है।
Image Source : File वालचंदनगर इंडस्ट्रीज: वालचंदनगर इंडस्ट्रीज पीएसएलवी-डी1 के पहले लॉन्च से लेकर अब तक सभी 48 लॉन्चों के लिए पुर्जा के निर्माण में शामिल रहा है।
Image Source : File सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स: कंपनी ने भारतीय अंतरिक्ष अभियानों के लिए लगभग 300 से 500 पुर्जे बनाए हैं।
Image Source : File एमटीएआर टेक्नोलॉजीज: इंजन और लॉन्च पैड बनाने में एमटीएआर टेक्नोलॉजीज का योगदान है।
Image Source : File लिंडे इंडिया: इस कंपनी ने भी इस मिशन में सहयोग दिया है।
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