आपकी जॉब किस तरह की है और आपका नियोक्ता कैसा है, इस पर पर्सनल लोन की ब्याज दर निर्भर करती हैं। वित्तीय रूप से कमजोर कंपनी और अनियमित रुप से सैलरी का भुगतान करने वाली कंपनी के कर्मचारियों को लोन मिलने में समस्या आ सकती है।
Image Source : file आप संगठित क्षेत्र के कर्मचारी हैं और आपकी रेगुलर इनकम है, तो आपको पर्सनल लोन पर बढ़िया डील पाने में मदद मिलेगी। इससे कर्जदाता आपकी समय पर ईएमआई चुकाने की क्षमता को लेकर आश्वस्त हो जाते हैं।
Image Source : file ग्राहक का क्रेडिट स्कोर जितना अच्छा होगा, उसे उतनी ही अच्छी लोन डील मिलने की संभावना रहती है। अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी है, तो आपका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा होगा। पर्सनल लोन के लिए 750 क्रेडिट स्कोर पर्याप्त माना जाता है।
Image Source : file ग्राहक को लोन लेने के लिए सबसे पहले उस बैंक में जाना चाहिए, जहां उसका अकाउंट है, उस बैंक के पास पहले से ही ग्राहक की क्रेडिट हिस्ट्री मौजूद होती है। यहां आपको बड़ी राशि का लोन भी कम दर पर मिल जाएगा।
Image Source : file अगर आप अपने लोन पर कम ब्याज दर चाहते हैं, तो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री साफ-सुथरी होनी चाहिए। अगर आपके पास पहले कोई लोन है, तो कर्जदाता यह देखेगा कि क्या आप समय पर अपनी ईएमआई दे रहे हैं या नहीं।
Image Source : file अगर आपने अपने पुराने लोन्स का पुनर्भुगतान समय पर नहीं किया है, तो कर्जदाता आपको बहुत ऊंचे ब्याज दर वाला लोन देगा या वह आपकी लोन एप्लीकेशन को रिजेक्ट भी कर सकता है।
Image Source : file आपका डेट टू इनकम रेशियो ठीक नहीं है, तो आपको कम ब्याज दर वाला लोन नहीं मिल पाएगा। मतलब यह कि आप सैलरी तो अच्छी पाते हैं, लेकिन उसका अधिकांश हिस्सा पुराने लोन के पुनर्भुगतान में चला जाता है। डेट टू इनकम रेशियो जितना कम होगा आपको उतनी अच्छी लोन डील मिल पाएगी।
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