जैविक खाद और कीटनाशकों का उपयोग करके आप अपनी फसल को प्राकृतिक रूप से सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण बना सकते हैं। जैविक खाद से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है। जैविक कीटनाशक फसल को हानिकारक कीड़ों से बचाते हैं। इससे स्वास्थ्यवर्धक उत्पादन और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहतर मांग जेनरेट होता है।
Image Source : FILE सटीक खेती: सटीक खेती का मतलब है कि आप हर क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार खेती करें। इसमें ड्रोन, सेंसर, और GPS तकनीक का उपयोग किया जाता है। यह तकनीक किसानों को बताती है कि किस क्षेत्र में कितनी खाद, पानी या कीटनाशक की जरूरत है। ऐसा करने पर आपकी कृषि लागत में कमी और बेहतर उपज दोनों का फायदा मिलेगा।
Image Source : FILE मिट्टी की गुणवत्ता: मिट्टी की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए नियमित रूप से उसका परीक्षण करें। डिजिटल मिट्टी परीक्षण उपकरण का उपयोग करें। यह उपकरण मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों की जानकारी देता है। इसका फायदा यह है कि टेस्ट रिजल्ट के मुताबिक, आप सही फसल और खाद का चयन कर सकेंगे।
Image Source : FILE फसल चक्रीकरण: फसल चक्रीकरण का मतलब है हर सीजन में अलग-अलग फसल उगाना। यह तरीका जमीन की उर्वरता बनाए रखने में मदद करता है और हानिकारक कीटों और बीमारियों को कम करता है। उदाहरण के लिए एक साल गेहूं की खेती करें और अगले साल दलहन की। इसका यह फायदा होगा कि मिट्टी के पोषक तत्वों का संतुलन बना रहेगा और उत्पादन में वृद्धि होगी।
Image Source : FILE मॉडर्न खेती में उन्नत तकनीक और वर्तमान खेती के तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए, आधुनिक खेती में खेतों की जुताई के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, उत्पादन के अंतिम चरण में ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, सीड ड्रिल और थ्रेसर जैसी विभिन्न मशीनरी का इस्तेमाल किया जाता है।
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