सबसे पहले यह समझ लें कि एजुकेशन लोन, कोर्स की फीस, इंस्टीट्यूट या कॉलेज की इमेज और अप्लाई करने वाले की फाइनेंशियल कंडीशन के आधार पर निर्धारित होता है।
Image Source : FILE एजुकेशन लोन पर पर ब्याज दरें बैंक, लोन अमाउंट और मौजूदा मार्केट कंडीशन के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं। कई बैंक कॉम्पिटिटीव ब्याज दरों की पेशकश करते हैं, और कुछ खास स्कीम में स्टूडेंट्स को सस्ती ब्याज दरें ऑफर करते हैं।
Image Source : FILE आपको अपना एजुकेशन लोन चुकाने पर आयकर अधिनियम की धारा 80ई के तहत टैक्स छूट भी मिलती है। अगर स्टूडेंट के माता-पिता ने लोन लिया है, तो वे टैक्स छूट के पात्र होंगे।
Image Source : FILE एजुकेशन लोन का रीपेमेंट सामान्यतौर पर कोर्स पूरा होने के बाद शुरू होता है। कुछ बैंक ग्रेस पीरियड भी ऑफर करते हैं। रीपेमेंट पीरियड कई सालों तक बढ़ सकती है, जिससे छात्रों को शिक्षा के बाद अपने फाइनेंशियल मैनेजमेंट में मदद मिलती है।
Image Source : FILE एजुकेशन लोन अप्लाई करने वालों को पहले ब्याज दरों, रीपेमेंट प्रोग्राम और किसी भी प्रोसेसिंग फीस या छिपे हुए चार्ज सहित अन्य नियमों और शर्तों को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए।
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