कोई भी बैंक खाता, चाहे वह बचत खाता हो या चालू खाता, अगर दो वर्ष से अधिक अवधि तक ग्राहक द्वारा कोई भी वित्तीय या गैर-वित्तीय लेन-देन नहीं किया जाता है, तो वह निष्क्रिय अकाउंट या डोरमैंट अकाउंट हो जाता है।
Image Source : FILE अगर एक साल तक कोई लेन-देन नहीं होता है तो बैंक ग्राहकों को उनके खाते की स्थिति के बारे में सूचित करने के लिए बाध्य हैं। नोटिफिकेशन पत्र, ईमेल या एसएमएस के माध्यम से भेजी जा सकती हैं। अगर अगले वर्ष के भीतर कोई गतिविधि नहीं होती है तो खाते को 'निष्क्रिय' के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
Image Source : FILE एक बार जब कोई अकाउंट डोरमैंट हो जाता है, तो खाताधारक वित्तीय या गैर-वित्तीय कोई भी लेनदेन करने की क्षमता खो देते हैं। हालांकि, खाते में बैलेंस राशि सुरक्षित रहती है और नियमित अंतराल पर ब्याज अर्जित करना जारी रखती है। यानी डोरमैंट अकाउंट में जमा राशि पर ब्याज मिलता रहता है।
Image Source : FILE भारतीय रिजर्व बैंक ने निष्क्रिय खाते को सक्रिय करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। आप पहचान दस्तावेज फिर से जमा करके इसे फिर से सक्रिय कर सकते हैं।
Image Source : FILE डोरमैंट या निष्क्रिय बैंक अकाउंट को दोबारा एक्टिव करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है। बैंक इसके लिए कोई चार्ज नहीं ले सकते।
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