आपने तो नहीं चुना क्रेडिट कार्ड पेमेंट का ये विकल्प, हो जाएंगे कंगाल

आपने तो नहीं चुना क्रेडिट कार्ड पेमेंट का ये विकल्प, हो जाएंगे कंगाल

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क्रेडिट कार्ड महंगी चीजें खरीदने की हमारी ख्वाहिशें पूरी करने की सुविधा देता है।

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लेकिन अक्सर हम भूल जाते हैं कि इसका बिल भी आएगा और आपको इसका भुगतान भी करना होगा

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क्रेडिट कार्ड कंपनियां यह जानती हैं, तभी वे मिनिमम अमाउंट ड्यू जैसी सुविधा प्रदान करती हैं

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मिनिमम अमाउंट का अर्थ होता है कि यदि आप पूरा बिल न चुका पाएं तो इतनी राशि भी चुका सकते हैं।

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मिनिमम ड्यू का कतई यह मतबल नहीं है कि आपको क्रेडिट कार्ड के बिल से छुट्टी मिल गई है। यह एक तरह से कर्ज का जंजाल है।

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मिनिमम ड्यू के नाम पर जो पैसे देते हैं, वह सिर्फ ब्याज और फाइल चार्ज में खप जाता है, आपका मूल अमाउंट जस का तस रहता है।

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आपको पूरे बिल पर लगभग 3 से 4% प्रति माह की दर से चार्ज देना पड़ेगा। इस हिसाब से आप सालाना करीब 40 से 50 प्रतिशत ब्याज देंगे।

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आम तौर पर मिनिमम अमाउंट ड्यू आपकी कुल आउटस्टैंडिंग का 5% होता है। लेकिन यह राशि अलग-अलग बैंक के क्रेडिट कार्ड में अलग-अलग हो सकती है।

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अक्सर बैंक आपको कहते हैं कि मिनिमम अमाउंट ड्यू से सिबिल स्कोर खराब नहीं होता है। लेकिन कर्ज बना रहना या बढ़ते रहना सिबिल स्कोर खराब करता है।

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बैंक आपकी पहचान ऐसे ग्राहक के रूप में करेगा, जिनके पास लिक्विडिटी की कमी है। हो सकता है आपको आगे लोन न दिया जाए

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