भारत में बैंक एफडी के मुकाबले कॉरपोरेट एफडी एक नया कॉन्सेप्ट है। कॉर्पोरेट एफडी की ब्याज दरें बैंक एफडी के मुकाबले 1-4% अधिक हैं। ये एनबीएफसी या दूसरी वित्तीय निगमों द्वारा पेश किए जाते हैं जिनके पास FD जारी करने का अधिकार है।
Image Source : FILE रेटिंग एजेंसी क्रिसिल और आईसीआरए द्वारा जारी क्रेडिट रेटिंग, एफडी की विश्वसनीयता का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। रेटिंग जितनी ज्यादा होगी, उस सावधि जमा में निवेश करना उतना ही सुरक्षित होगा।
Image Source : FILE नए निवेशक अक्सर कंपाउंडिंग की ताकत से अनजान होते हैं। वैसे समय-समय पर ब्याज से कमाई आकर्षक लग सकता है, लेकिन मेच्योरिटी पर उन्हें पाना यह सुनिश्चित करता है कि आपकी बचत और ब्याज चक्रवृद्धि जारी रहे।
Image Source : FILE अपनी फिक्स्ड डिपोजिट यानी एफडी को समय से पहले तोड़ने या खत्म करने से बचें, इसके बजाय लोन पर विचार करें।
Image Source : FILE निवेश की अवधि के बारे में सावधानी से सोचें। कई बैंक या वित्तीय संस्थान लंबी अवधि के लिए ज्यादा ब्याज दरों की पेशकश करते हैं क्योंकि वे लंबे समय तक पैसे का इस्तेमाल करने में सक्षम होते हैं। ऐसे में लंबी अवधि का विकल्प चुनना एक स्मार्ट स्ट्रैटेजी हो सकती है।
Image Source : FILE एफडी के लिए लैडरिंग स्ट्रैटेजी का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे आपको हाई रिटर्न मिल सकता है। बढ़ती ब्याज दरों का लाभ उठा सकते हैं और रेगुलर लिक्विडिटी तक पहुंच हासिल कर सकते हैं। वित्तीय संस्थानों द्वारा एफडी की ब्याज दरें धीरे-धीरे बढ़ाई जा रही हैं।
Image Source : FILE Next : जल्दी अमीर बनने के लिए अपनाएं ये 5 आदतें