टेम्पल टूरिज्म के सामने फीका पड़ा Beach tourism! जानें यह कैसे हुआ

टेम्पल टूरिज्म के सामने फीका पड़ा Beach tourism! जानें यह कैसे हुआ

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आपको जानकार आश्चर्य होगा कि टेम्पल टूरिज्म (मंदिर दर्शन) ने बीच टूरिज्म यानी पहाड़, समुद्र किनारे के टूरिस्ट प्लेस को पीछे छोड़ दिया है।

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आईसीआईसीआई डायरेक्ट के एक सर्वे रिपोर्ट से पता चला है कि 2022 में गोवा की तुलना में वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में आठ गुना वृद्धि हुई।

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जहां 2022 में वाराणसी में 7.2 करोड़ पर्यटक आए, वहीं गोवा 85 लाख के साथ बहुत पीछे रहा।

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भारत में मंदिर पर्यटन तेजी से बढ़ा है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 60% से अधिक पर्यटन धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन श्रेणी में है।

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यह भी पता चलता है कि भारत में पूजा स्थलों के आसपास की अर्थव्यवस्थाओं में 2022 में करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई, जो 2021 में 65,070 करोड़ रुपये थी।

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जानकारों का कहना है कि टेम्पल टूरिज्म बढ़ने के पीछे मोदी सरकार का बड़ा योगदान है।

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मोदी सरकार के कार्यकाल में मंदिरों के विकास पर बहुत ज्यादा काम किया गया है।

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मंदिरों का कायाकल्प होने से पर्यटकों का रुझान तेजी से बढ़ा है।

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साथ ही धार्मिक स्थल पर मिलने वाली सुविधाएं बेहतर होने से पर्यटकों या श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है।

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रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में, भारत में 143.3 करोड़ घरेलू पर्यटकों ने तीर्थयात्रा की, जबकि 66 लाख विदेशियों ने देश के पवित्र स्थलों की यात्रा की।

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