आज देश में करोड़ों लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। हालांकि, उनमें से बहुत कम लोग रिस्क-ओ-मीटर के बारे में जानते हैं।
Image Source : File अगर आप भी नहीं जानते हैं तो जरूर जान लें। सेबी ने इस मीटर को इंट्रोड्यूस किया। इससे आप सही फंड का चुनाव कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है रिस्क-ओ-मीटर?
Image Source : File रिस्क-ओ-मीटर म्यूचुअल फंड खरीदने से पहले आपको उस फंड के जोखिम स्तर का आकलन करने में मदद करता है।
Image Source : File यह निवेशक को म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है और किसी खास स्कीम से जुड़ी जोखिम के बारे में अवगत करता है।
Image Source : File रिस्क-ओ-मीटर पर रीडिंग यह पता लगाने में मदद करती है कि आपको उस फंड में निवेश करना चाहिए या नहीं।
Image Source : File जैसे ही मार्केट की स्थितियां बदलती हैं रिस्क-ओ-मीटर का लेवल बदल जाता है। यह फैसला लेने में मदद करता है कि आपको उस फंड में निवेश करना चाहिए या नहीं।
Image Source : File रिस्क-ओ-मीटर के लेवल देखकर आप सही फंड का चुनाव कर सकते हैं वहीं गलत फंड से बच सकते हैं।
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