लोकसभा और राज्यसभा में क्या अंतर होता है

लोकसभा और राज्यसभा में क्या अंतर होता है

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भारत का सर्वोच्‍च विधायी निकाय संसद है।

भारत का सर्वोच्‍च विधायी निकाय संसद है।

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भारतीय संसद में दो सदन हैं- लोकसभा और राज्सभा।

भारतीय संसद में दो सदन हैं- लोकसभा और राज्सभा।

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लोकसभा निचला सदन होता है, इसे आम जनता का सदन भी कहा जाता है। वहीं, राज्यसभा संसद का ऊपरी सदन होता है।

लोकसभा निचला सदन होता है, इसे आम जनता का सदन भी कहा जाता है। वहीं, राज्यसभा संसद का ऊपरी सदन होता है।

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लोकसभा में बैठने वाले सदस्य का चुनाव जनता मतदान से करती है। वहीं, राज्यसभा में बैठने वाले सदस्यों का चुनाव निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है।

लोकसभा में बैठने वाले सदस्य का चुनाव जनता मतदान से करती है। वहीं, राज्यसभा में बैठने वाले सदस्यों का चुनाव निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है।

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निचला सदन यानी लोकसभा में बैठने वाले सदस्यों का कार्यकाल मेक्सिमम पांच साल का होता है।

निचला सदन यानी लोकसभा में बैठने वाले सदस्यों का कार्यकाल मेक्सिमम पांच साल का होता है।

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राज्यसभा एक स्थाई सदन है, यहां एक तिहाई सदस्य दो साल में ही सेवा-निवृत्त हो जाते हैं और बाकी का कार्याकाल 6 साल का होता है।

राज्यसभा एक स्थाई सदन है, यहां एक तिहाई सदस्य दो साल में ही सेवा-निवृत्त हो जाते हैं और बाकी का कार्याकाल 6 साल का होता है।

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लोकसभा में अधिकतम सदस्‍य संख्‍या 552 है। वहीं, राज्यसभा में 250 सदस्य।

लोकसभा में अधिकतम सदस्‍य संख्‍या 552 है। वहीं, राज्यसभा में 250 सदस्य।

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लोकसभा सदस्य बनने के लिए मिनिमम एज 25 वर्ष होनी चाहिए। वहीं, राज्यसभा सदस्य बनने के लिए कम से कम 30 साल होनी चाहिए।

लोकसभा सदस्य बनने के लिए मिनिमम एज 25 वर्ष होनी चाहिए। वहीं, राज्यसभा सदस्य बनने के लिए कम से कम 30 साल होनी चाहिए।

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Sarkari Naukri: UKPSC ने इन पदों पर निकाली भर्ती, पढ़ें पूरी डिटेल

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