यदि आप सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो क्या आपको यह पता है कि DM और डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर में क्या अंतर होता है।
Image Source : Freepik ज्यादातर लोग DM यानी डिस्ट्रेक्ट मजिस्ट्रेट और कलेक्टर के पद को एक ही समझ लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं।
Image Source : Freepik आज हम आपको बताएंगे कि एक DM और डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर में क्या अंतर होता है।
Image Source : Freepik सबसे पहले आपको बता दें कि DM और डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, दोनों ही आधिकारिक पद होते हैं लेकिन बिलकुल अलग-अलग।
Image Source : Freepik जानकारी दे दें कि डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर जिले में राजस्व मेनेजमेंट से जुड़ा सबसे बड़ा अधिकारी होता है। जबकि डीएम किसी भी ज़िले का सर्वोच्च कार्यकारी मजिस्ट्रेट ऑफिसर होता है, जो एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी होता है।
Image Source : Freepik एक DM की जिम्मेदारी जिले में अच्छी प्रशासनिक व्यवस्था(Administrative Law) को बनाए रखने की होती है।
Image Source : Freepik जबकि, राजस्व के मामलों में डिविजनल कमिश्नर और फाइनेंशियल कमिश्नर के जरिए सरकार के प्रति सभी जिम्मेदारी डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर की होती है।
Image Source : Freepik बता दें कि अलग-अलग स्टेट्स में DM की जिम्मेदारियों में भी डिफरेंस होता है।
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