इतिहास का वो राजा, जिसने अपनी गद्दी में जड़वा दिया था 1120 किलो सोना
Image Source : Social Media (FB) देश और दुनिया में एक से बढ़कर एक राजा हुए हैं, जिनके पास अकूत संपत्ति थी। वे इस दौलत को ज्यादातर अपने ऐशो आराम के लिए खर्च करते थे।
Image Source : Social Media जानकारी के लिए बता दें कि आजादी के वक्त देश में 562 छोटी-बड़ी रियासतें थी, इन सबके अपने-अपने राजा, महराजा थे और इन राजाओं के शौक काफी निराले थे।
Image Source : File किसी को सोने से प्यार था, तो किसी को हीरे जवाहरात और मोतियों से लगाव था। ऐसे ही एक बड़ौदा के महराजा सर सैयाजीराव थे। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें सोने और हीरे जवाहरात इतना प्यार था कि इनके कपड़े में सोने के तार का इस्तेमाल होता था।
Image Source : File और इन कपड़ों को बनाने के लिए पूरी रियासत में एक ही परिवार को इसकी अनुमति थी।
Image Source : File इतिहासकार डोमिनिक और लैरी कॉलिन्स की किताब फ्रीडम एट मिडनाइट के मुताबिक, इस परिवार के आदिमियों के नाखून इतने लंबे करवा दिए गए थे, कि वो इनका इस्तेमाल तार को बुनने में करते थे।
Image Source : Social Media बता दें कि बड़ौदा के महराजा के पास हीरे जवाहरात को बड़ा संग्रह था। इस संग्रह में दुनिया का सातवां सबसे बड़ा हारी सितार-ए-दक्खन भी शामिल था।
Image Source : X मैसूर के महाराजा और निराले थे। उनके सिंहासन में अट्ठाईस मन सोना (करीब 1120 किलो) लगा था और उस पर चढ़ने के लिए ठोस सोने की नौ सीढ़ियां बनायी गयी थीं, जो भगवान विष्णु के 9 कदमों की प्रतीक थीं। दंत कथाओं के अनुसार, सिंहासन महाभारत के प्रसिद्ध पांडवों का था और हस्तिनापुर में था।
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